भारत की शिल्पकला का एक अद्भुत नमूना:गुजरात के मोढेरा का सूर्य मंदिर|Why You Should Visit the Modhera Sun Temple

मोढेरा सूर्य मंदिर, गुजरात के मेहसाणा जिले में स्थित, भारत के सबसे खूबसूरत और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक है। यह सूर्य देव को समर्पित है और 11वीं शताब्दी में सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम द्वारा बनवाया गया था।

मोढेरा का सूर्य मंदिर💒 गुजरात के मेहसाना जिले में स्थित एक प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है। यह मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और इसकी तुलना अक्सर खजुराहो के मंदिरों से की जाती है।

 


मोढेरा का सूर्य मंदिरका इतिहास और महत्व

  • निर्माण: मंदिर का निर्माण 1026 ईस्वी में पूरा हुआ था।
  • शैली: यह मंदिर चालुक्य वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें जटिल नक्काशी और शिल्पकला का अद्भुत संगम है।
  • सूर्य देव को समर्पित: यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है और इसका निर्माण सूर्य देव की पूजा के लिए किया गया था।
  • यूनेस्को की विश्व धरोहर: 2014 में, मोढेरा सूर्य मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया था।

मोढेरा का सूर्य मंदिर की संरचना

मंदिर को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है:

  • सभामंडप: यह मंदिर का मुख्य हॉल है, जहां भक्त इकट्ठा होते थे।
  • गूढ़मंडप: यह मंदिर का सबसे पवित्र भाग है, जहां सूर्य देव की मूर्ति स्थापित थी।
  • कुंड: मंदिर परिसर में एक बड़ा कुंड है जिसे रामकुंड के नाम से जाना जाता है। इस कुंड में 108 छोटे मंदिर हैं जो विभिन्न देवताओं को समर्पित हैं।


मोढेरा का सूर्य मंदिर की विशेषताएं

  • जटिल नक्काशी: मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर अत्यंत जटिल नक्काशी की गई है जो देवी-देवताओं, जानवरों और पौधों को दर्शाती है।
  • सूर्य की किरणें: मंदिर की संरचना इस तरह से बनाई गई है कि सूर्य की पहली किरण सीधे गर्भगृह में पड़ती थी।
  • 52 स्तंभ: मंदिर में 52 स्तंभ हैं जो एक वर्ष में 52 सप्ताह को दर्शाते हैं।
  • कुंड: मंदिर परिसर में एक बड़ा कुंड है जिसे रामकुंड के नाम से जाना जाता है। इस कुंड में 108 छोटे मंदिर हैं जो विभिन्न देवताओं को समर्पित हैं।
  • शिल्पकला: मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर अत्यंत सुंदर और जटिल नक्काशी की गई है। इन नक्काशियों में देवी-देवताओं, पशु-पक्षियों और विभिन्न प्रकार के आभूषणों को दर्शाया गया है।
  • सभा मंडप: मंदिर में एक विशाल सभा मंडप है जिसकी छत 52 स्तंभों पर टिकी हुई है। माना जाता है कि ये 52 स्तंभ वर्ष के 52 सप्ताहों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

मोढेरा सूर्य मंदिर


मोढेरा में और क्या देखने लायक है

  • पुष्पावती नदी: मंदिर पुष्पावती नदी के किनारे स्थित है। आप नदी के किनारे टहल सकते हैं और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
  • स्थानीय बाजार: आप स्थानीय बाजार में जाकर हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पाद खरीद सकते हैं।
  • आसपास के गांव: आप आसपास के गांवों का दौरा कर सकते हैं और स्थानीय लोगों के जीवन के बारे में जान सकते हैं।

यात्रा करने का सबसे अच्छा समय

मोढेरा सूर्य मंदिर घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम (नवंबर से मार्च) होता है। इस दौरान मौसम अच्छा  रहता है और आप आसानी से घूम सकते हैं।

कैसे पहुंचें

आप अहमदाबाद हवाई अड्डे या रेलवे स्टेशन के माध्यम से मोढेरा पहुंच सकते हैं। अहमदाबाद से मोढेरा की दूरी लगभग 110 किलोमीटर है। आप यहां टैक्सी या बस से भी पहुंच सकते हैं।

मोढेरा सूर्य मंदिर भारतीय वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। यदि आप गुजरात की यात्रा कर रहे हैं, तो आपको मोढेरा सूर्य मंदिर जरूर देखना चाहिए।


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