What is famous about Mathura?|2 दिनों में मथुरा और वृंदावन में घूमने की जगहें

मथुरा, उत्तर प्रदेश का एक पवित्र शहर है, जिसे भगवान कृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है। यह शहर अपनी धार्मिक विरासत, प्राचीन मंदिरों और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप धार्मिक पर्यटन में रुचि रखते हैं, तो मथुरा आपके लिए एक आदर्श स्थान है।(Tip Top travel)

मथुरा


मथुरा में घूमने की जगहें

मथुरा में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। कुछ प्रमुख स्थल इस प्रकार हैं:

 

कृष्ण जन्मभूमि:

यह मंदिर भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर बना हुआ है। यह मथुरा का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है।

इस स्थान को लेकर सदियों से विवाद रहा है। प्राचीन काल से ही यह जगह हिंदू धर्म के लिए पवित्र मानी जाती रही है। मुगल काल में इस स्थान पर मस्जिद बनवाई गई थी, जिससे विवाद और बढ़ गया। आजादी के बाद से ही इस स्थान को लेकर विवाद चल रहा है। हिंदू समाज यहां मंदिर बनाने की मांग करता रहा है। हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण का बहुत महत्व है। इसलिए कृष्ण जन्मभूमि सभी भक्तों के लिए एक पवित्र स्थल है। यह स्थान भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

केशवदेव मंदिर: यह मंदिर परिसर का मुख्य मंदिर है और माना जाता है कि यह भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर बना है। गर्भ गृह: यह मंदिर का सबसे पवित्र स्थान है जहां भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित है। भागवत भवन: यह भवन भगवान कृष्ण के जीवन और लीलाओं से जुड़ी कहानियों को दर्शाता है।

 

भगवान कृष्ण के जन्मस्थान

द्वारकाधीश मंदिर:

यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और इसकी स्थापना 1814 में हुई थी।

इस भव्य मंदिर का निर्माण 1814 में सेठ गोकुल दास पारीख ने करवाया था। भगवान कृष्ण को अक्सर 'द्वारकाधीश' या 'द्वारका के राजा' के नाम से पुकारा जाता था और उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम रखा गया। यह मंदिर मथुरा के विश्राम घाट के निकट स्थित है, जो यमुना नदी के किनारे बसा प्रमुख घाट है।

यह मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मंदिर में भगवान कृष्ण की अनेक सुंदर मूर्तियां स्थापित हैं। यह मंदिर मथुरा की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 

'द्वारका के राजा'

गोवर्धन पहाड़ी:

गोवर्धन पहाड़ी, जिसे गिरिराज जी के नाम से भी जाना जाता है, मथुरा के निकट स्थित एक पवित्र पहाड़ी है। यह पहाड़ी भगवान कृष्ण से जुड़ी कई किंवदंतियों और लीलाओं का साक्षी है। हिंदू धर्म में गोवर्धन पहाड़ी को बहुत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने इसी पहाड़ी को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इंद्र देव के अहंकार का नाश किया था। यह पहाड़ी मथुरा आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। गोवर्धन पहाड़ी का प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने लायक है। भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पहाड़ी को उठाकर इंद्र देव से युद्ध किया था। भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पहाड़ी की परिक्रमा की थी और लोगों को भी इसकी परिक्रमा करने के लिए प्रेरित किया था। गोवर्धन पहाड़ी के आसपास के क्षेत्र में भगवान कृष्ण और राधा की कई लीलाएं हुई थीं।

गोवर्धन पहाड़ी में क्या देखें

मानसी गंगा: यह एक पवित्र झील है जिसका संबंध भगवान कृष्ण से है।

कुसम सरोवर: यह एक प्राकृतिक सरोवर है जो बहुत ही खूबसूरत है।

84 कोस परिक्रमा मार्ग: यह मार्ग गोवर्धन पहाड़ी के चारों ओर बना हुआ है और इसे भगवान कृष्ण ने खुद बनाया था।

 

84 कोस परिक्रमा मार्ग

राधा कुंड:

यह कुंड भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम की कहानी से जुड़ा हुआ है। मथुरा के गोवर्धन पर्वत के निकट स्थित राधा कुंड, भगवान कृष्ण और राधा रानी की लीलाओं से जुड़ा एक पवित्र सरोवर है। यह स्थान प्रेम और भक्ति का प्रतीक है और हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। राधा कुंड को भगवान कृष्ण और राधा रानी की लीलाओं का केंद्र माना जाता है। मान्यता है कि यहां भगवान कृष्ण और राधा रानी ने अक्सर मिलन किया था। यह स्थान मथुरा आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। राधा कुंड भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मान्यता है कि इस कुंड के जल में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं।

राधा कुंड में क्या देखें:

राधा कुंड: यह कुंड भगवान कृष्ण और राधा रानी से जुड़ी कई किंवदंतियों का साक्षी है।

श्याम कुंड: यह कुंड राधा कुंड के पास ही स्थित है और यह भी भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है।

राधा-कृष्ण मंदिर: कुंड के किनारे कई मंदिर हैं जो भगवान कृष्ण और राधा रानी को समर्पित हैं।

गोवर्धन पर्वत: राधा कुंड गोवर्धन पर्वत के निकट स्थित है और दोनों स्थानों को एक साथ घूमना बहुत ही सुखद होता है।

अहोई अष्टमी: अहोई अष्टमी के दिन राधा कुंड में स्नान करने का विशेष महत्व है। राधा कुंड मेला: यहां साल में कई बार मेले लगते हैं जिनमें भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। राधा कुंड का पानी: मान्यता है कि इस कुंड का पानी अमृत के समान है।

 

श्याम कुंड

कंस किला:

यह किला कंस, भगवान कृष्ण के मामा का निवास था।

कंस किले का इतिहास काफी रोचक और रहस्यमयी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह किला महाभारत काल से भी पुराना है और पांडवों के लिए एक विश्राम स्थल हुआ करता था। हालांकि, अधिकांश इतिहासकारों का मानना है कि 16वीं शताब्दी में जयपुर के राजा मान सिंह द्वारा इस किले का पुनर्निर्माण किया गया था।

यह किला यमुना नदी के किनारे स्थित है। इस किले का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। किले में कंस की कचहरी भी है जहां वह राजकाज का काम किया करता था। किले में एक गुप्त रास्ता भी है जो जेल तक जाता है। किले में पांच मंजिला तहखाना है जो आज भी रहस्य बना हुआ है।

 

कंस किला



मथुरा संग्रहालय:

 यहां आप मथुरा के इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कई कलाकृतियां देख सकते हैं। मथुरा संग्रहालय की स्थापना 1874 में सर एफएस ग्रोसे ने की थी। वर्तमान भवन 1930 में बनाया गया था और 1933 में इसका उद्घाटन हुआ था।

मथुरा के संग्रहालय में क्या देखें:

मूर्तियां: संग्रहालय में भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु, शिव और अन्य देवी-देवताओं की अनेक मूर्तियां हैं।

शिलालेख: विभिन्न कालखंडों के शिलालेख भी यहां प्रदर्शित हैं।

सिक्के: प्राचीन भारत के सिक्के भी संग्रहालय में रखे हुए हैं।

घरेलू सामान: प्राचीन काल में इस्तेमाल होने वाले घरेलू सामान भी यहां देखने को मिलेंगे।

मथुरा संग्रहालय में प्रवेश शुल्क काफी किफायती है, जो इसे सभी वर्गों के लोगों के लिए सुलभ बनाता है।

भारतीय नागरिक - वयस्क: 5, बच्चे: 2

विदेशी पर्यटक: ₹25

कैमरा शुल्क: ₹20 (यदि आप कैमरा लेकर जाना चाहते हैं)

प्रवेश शुल्क समय-समय पर बदल सकता है, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए संग्रहालय से संपर्क करना सबसे अच्छा है।

संग्रहालय सुबह 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक खुला रहता है।

संग्रहालय सोमवार को बंद रहता है।

 

आप मथुरा हवाई अड्डे या मथुरा जंक्शन द्वारा मथुरा पहुंच सकते हैं। यहां से आप आसानी से शहर के विभिन्न हिस्सों में जा सकते हैं।

 

मथुरा में बजट फ्रेंडली होटलों की सूची|वृंदावन में रुकने की जगह

होटल नाम

रेटिंग

प्रति रात्रि शुल्क

कोंटेक्ट नं.

Gaurangi seva sadan

3.5

₹582

 

Navoday Guest House

4.0

₹634

 

Manavi Home Stay Mathura

4.8

₹706

097582 28720

Brijlok Dham homestay

4.3

₹741

 

Meera residency

4.9

₹752

090454 00717

 

 

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